1. लॉकडाउन के चलते न रोजगार, न पैसा
  2. तंगी में अपनी 4 महीने की बच्ची को बेचा

इस शख्स का नाम दीपक ब्रह्मा है जो पेशे से मजदूर है. दीपक गुजरात में काम करता था लेकिन लॉकडाउन के बाद उसे भाग कर असम आना पड़ा. जो कुछ पैसे बचे थे, उसने गुजरात से लौटने के क्रम में खर्च कर दिए.

असम में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें पैसे की तंगी में एक शख्स ने 4 महीने की बच्ची को 45 हजार रुपये में बेच दिया. घटना कोकराझार जिले की है. घटना में यह बात सामने आई है कि कोरोना में लॉकडाउन के कारण एक परिवार इतनी तंगी में चला गया कि उसने अपनी बच्ची को बेच दिया. बच्ची को बेचने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका पिता है.

तीन बच्चों के इस पिता के सामने तब बड़ी मुश्किल पैदा हो गई जब कोरोना के कारण चारों ओर संपूर्ण लॉकडाउन हो गया और जो भी कमाई के साधन थे, वे सब जाते रहे. पूरा परिवार भीषण गरीबी में समा गया. पिछले चार महीने की बेरोजगारी ने इस व्यक्ति को अपनी बच्ची बेचने पर मजबूर कर दिया. इस शख्स का नाम दीपक ब्रह्मा है जो पेशे से प्रवासी मजदूर है. दीपक गुजरात में काम करता था लेकिन लॉकडाउन के बाद उसे भाग कर असम आना पड़ा. जो कुछ पैसे बचे थे, उसने गुजरात से लौटने के क्रम में खर्च कर दिए.

घर पहुंचने के बाद उसके पास न तो पैसे थे और न ही कोई रोजगार. ऐसे में घर में खाने के लाले पड़ने लगे. ऐसे में दीपक को अपनी बेटी बेचने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं सूझा. दीपक ने बच्ची को बेच तो दिया लेकिन इसकी भनक वहां के एक स्थानीय एनजीओ को लग गई. इस एनजीओ ने कोकराझार पुलिस से संपर्क कर बच्ची का रेस्क्यू कराया.

घर पहुंचने के बाद उसके पास न तो पैसे थे और न ही कोई रोजगार. ऐसे में घर में खाने के लाले पड़ने लगे. ऐसे में दीपक को अपनी बेटी बेचने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं सूझा. दीपक ने बच्ची को बेच तो दिया लेकिन इसकी भनक वहां के एक स्थानीय एनजीओ को लग गई. इस एनजीओ ने कोकराझार पुलिस से संपर्क कर बच्ची का रेस्क्यू कराया.

प्रतीकात्मक तस्वीर

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