“प्रधानमंत्री मोदीजी बने WHO के चेयरमैन!!WHO की बागडोर 22 मई से भारत के हाथों में गौरवान्वित क्षण सभी राष्ट्रवादियों के लिए बहुत..बधाई व शुभकामनाएं! बधाइयां रुकनी नहीं चाहिए. WHO में जो पद है ही नहीं वहां आखिर नरेंद्र मोदी उसके चेयरमैन कैसे बन सकते हैं? यह दावा करने वाले वही लोग हैं जो अमेरिका में भी प्रधानमंत्री बनवा दें भले ही अमेरिका में प्रधानमंत्री पद ना होता हो.

सोशल मीडिया में ये दावा काफ़ी शेयर हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नए चेयरमैन के रूप में चुने गए है. पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने ट्वीट करते हुए दावा किया, “प्रधानमंत्री मोदीजी बने WHO के चेयरमैन!!WHO की बागडोर 22 मई से भारत के हाथों में गौरवान्वित क्षण सभी राष्ट्रवादियों के लिए बहुत..बधाई व शुभकामनाएं! चमचों के लिए दुःखद समाचार” आर्टिकल लिखे जाने तक कुलश्रेष्ठ के ट्वीट को 6,500 बार लाइक और 1,800 से ज़्यादा बार रिट्वीट की जा चुकी है.

ट्विटर और फ़ेसबुक, दोनों पर ये दावा खूब शेयर किया जा रहा है.

फ़ैक्ट-चेक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के चेयरमैन बनने का दावा अपने आप में ही ग़लत है क्योंकि WHO में चेयरमैन जैसा कोई पद नहीं होता है. वेबसाइट के मुताबिक, WHO में सबसे उच्च पद डायरेक्टर जनरल का होता है और इस पद पर डॉ. टेडरोस कार्यरत हैं. इसके अलावा, WHO में दो तरह की बॉडीज़ काम करती हैं – पहली, वर्ल्ड हेल्थ असेंबली और दूसरी एग्ज़ीक्यूटिव बोर्ड. वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के ज़रिए सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि उन एजेंडा पर काम करते हैं जिन्हें एग्ज़ीक्यूटिव बोर्ड द्वारा तैयार किया जाता है. एग्ज़ीक्यूटिव बोर्ड में तकनीकी रूप से योग्य 34 सदस्यों को 3 साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है.

Video: the lallan Top

WHO के एग्ज़ीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन और बाकी सदस्यों का चुनाव संगठन की 147वीं बैठक में किया गया. कोरोना वायरस की वजह से 18-19 मई 2020 को ये बैठक ऑनलाइन माध्यम से हुई. 20 मई को WHO के एग्ज़ीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन की घोषणा हुई जिसमें बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन को चुना गया. ‘NDTV इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चेयरमैन का पद एक-एक साल के लिए क्षेत्रवार रोटेशन के आधार पर चुना जाता है. WHO के कार्यकारी बोर्ड का मुख्य कार्य हेल्‍थ असेंबली की ओर से लिए गए निर्णय और नीतियों को लागू करना तथा इसके कार्य को सुविधाजनक बनाना है. WHO द्वारा शेयर किये गए इस पूरी बैठक के वीडियो में चेयरमैन पद की घोषणा आप 10 मिनट 40 सेकंड पर सुन सकते है.

इस तरह, हमने देखा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन में चेयरमैन जैसा कोई पद है ही नहीं. WHO के एग्ज़ीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन को चुना गया है. सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के WHO का चेयरमैन बनने का दावा पूरी तरह से ग़लत है.

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