फर्जी TRP केस की जांच अभी तक रिपब्लिक, फख्त मराठी और बॉक्स सिनेमा तक ही सीमित थी। पर एक आरोपी की एक डायरी ने कई और चैनलों की भी नींद उड़ा दी है। इस केस में अब तक चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से एक हंसा कंपनी का रिलेशनशिप मैनेजर विशाल भंडारी भी है। मुंबई क्राइम ब्रांच को उसके घर से एक डायरी मिली है।

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मुंबई पुलिस की पड़ताल में हंसा रिसर्च के पूर्व कर्मचारी विशाल भंडारी की डायरी से कई खुलासे हुए हैं. इस डायरी में कई घरवालों के नाम दर्ज हैं. इन घरवालों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो सामने आया कि रिपब्लिक टीवी को देखने के लिए हर महीने तयशुदा रकम दी जाती थी।

क्राइम ब्रांच के सूत्रों का दावा है कि इस डायरी में कई और चैनलों के भी नाम हैं। आने वाले दिनों में जांच का दायरा इन चैनलों तक भी बढ़ सकता है। इस डायरी में उन सभी लोगों के भी नाम हैं, जिन्हें बैरोमीटर पर कुछ खास चैनलों को देखने के बदले रिश्वत दी गई।

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डायरी में कई अन्य चैनलों के नाम भी हैं तथा 1800 लोगों के घरों में लगे बैरोमीटर की डिटेल भी है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, यह एक गोपनीय डेटा था, जिसकी जानकारी किसी भी रिलेशनिशप मैनेजर को नहीं होनी चाहिए थी। हंसा कंपनी में विशाल का पद रिलेशनिशप मैनेजर का ही था। उसका अपॉइंटमेंट दिनेश विश्वकर्मा नामक हंसा के ही एक अन्य कर्मचारी ने करीब डेढ़ साल पहले करवाया था। वह फरार है।

क्या है पूरा मामला –

दरसअल गुरुवार को मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी चैनल ने पैसे देकर रेटिंग बढ़ाई है। दूसरी तरफ, रिपब्लिक टीवी ने खुद पर लगे आरोपों को न सिर्फ सिरे से खारिज किया है बल्कि परमबीर सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करने की बात कही है। इस मामले की एफआईआर में इंडिया टुडे चैनल का नाम आने के बाद नया ट्विस्ट केस में आ गया है।

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कोर्ट ने फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा चैनलों के मालिकों को 13 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मुंबई पुलिस ने विज्ञापन देने वाली एजेंसियों के कुछ अधिकारियों को भी तलब किया है। उधर, मुंबई पुलिस की जांच में हंसा रिसर्च के पूर्व कर्मचारी विशाल भंडारी की डायरी से कई खुलासे होने की जानकारी सामने आई। मुंबई पुलिस ने बताया कि इस डायरी में कई घरवालों के नाम दर्ज हैं जिन्हें मनमाफिक टीवी देखने के लिए पैसे दिए जा रहे थे।

इस मामले में अब तक चार लोगों की हो चुकी हैं गिरफ्तारी –

पुलिस के मुताबिक, फर्जी इस रैकेट की सूचना मिलने पर सबसे पहले विशाल भंडारी नामक शख्स पकड़ में आया। विशाल टीआरपी एजेंसी BARC के लिए काम करने वाली एजेंसी हंसा का कर्मचारी रह चुका है और उसे कहां-कहां बैरोमीटर लगे हैं ये पता था। दूसरे आरोपी संजू राव के साथ मिलकर उसने फर्जी रेटिंग का खेल शुरू किया।

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जिस घर में बैरोमीटर लगा था वहां जाकर उन्हें रिपब्लिक टीवी और बाकी के दो चैनल देखने के लिए महीने का 400 रुपया देने का लालच दिया। पुलिस मामले में अब तक कुल 4 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के दो मालिक भी शामिल हैं।

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