नागरिकता कानून के विरोध में आयोजित प्रदर्शनों में भाग लेने वाली कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां पर दिल्ली पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उन पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया है।

पिछले एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद इशरत जहां को शादी के लिए सशर्त ज़मानत दी गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जहां को एक-एक लाख रुपये के दो मुचलके भरने के बाद दस जून से 19 जून तक के लिए जमानत दी।

इससे पहले इशरत जहां की ज़मानत के लिए वकील एसके शर्मा, ललित वलीचा, वकील तुषार आनंद और मनु प्रभाकर की तरफ से एक अंतरिम ज़मानत याचिका दायर की गई थी। याचिका में दावा किया गया कि जहां को मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है.

इस याचिका में याचिका के मुताबिक इशरत जहां की शादी 2018 में 12 जून 2020 के लिए तय की गई थी। याचिका में कोर्ट को भरोसा दिलाया गया कि जमानत मिलने पर जहां किसी भी साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेंगी और न ही गवाहों को प्रभावित करेंगी।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इशरत जहां को एक-एक लाख रुपये के दो मुचलके भरने के बाद दस जून से 19 जून तक के लिए जमानत दी है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस ने नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वाले कई लोगों को के खिलाफ मामले दर्ज किये हैं।

इनमे इशरत जहां के अलावा मामले में जहां के अलावा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, गुलफिशा खातून, जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, मीरां हैदर, जामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा उर रहमान, आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल और पूर्व छात्र नेता उमर खालिद शामिल है।

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