सा:चीनी सैनिकों से भारत-चीन सीमा पर लद्दाख के गलवान में हुए हिंसक झड़प में शहीद हुए कुंदन कुमार की चिता की आग अभी ठीक से बुझी भी नहीं थी कि शहीद के परिजनों के सिर पर एक नयी आफत आ गयी। राजकीय सम्मान से हुए अंतिम संस्कार में लगाये गये टेंट, कुर्सी, जेनरेटर व स्पीकर आदि का किराया टेंट मालिक द्वारा शहीद के परिजनों से ही मांगा जा रहा है।

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जवान कुंदन के शहादत के बाद दरवाजे से लेकर अंत्येष्टि स्थल तक लगे पंडाल व अन्य सामग्रियों का बिल थमाकर टेंट वाले ने शहीद के परिजनों से सुबह-शाम तकादा शुरू कर दिया। शहीद के पिता निमिंद्र यादव ने कहा कि राजकीय सम्मान समारोह से हुए अंतिम सम्मान समारोह के खर्च का वहन वो क्यों और कैसे करें।

15 जून को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के गलवान घाटी में सत्तरकटैया प्रखंड के आरण गांव के सैनिक कुंदन कुमार के शहीद होने के बाद डीएम ने नजारत उपसमाहर्ता को आदेश जारी करते हुए शहीद के घर जाकर उनके परिजनों से संपर्क कर अंत्येष्टि स्थल पर वाटरप्रूफ पंडाल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था, जिसमें पर्याप्त व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था करने की बात कही थी।

। डीएम ने पंडाल में टेबल, कुर्सी व अन्य आवश्यक सामग्री जैसे पर्याप्त मात्रा में पुष्प, माला व 15 पुष्प चक्र की भी व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। 19 जून को राजकीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार समारोह में सारी व्यवस्था डीएम के निर्देशानुसार हुई, लेकिन टेंट हाउस का बिल जिला नजारत पहुंचने की बजाय शहीद के घर पहुंच गया। शहीद कुंदन के पिता ने कहा कि उन्होंने ऐसी किसी भी व्यवस्था के लिए किसी को ऑर्डर नहीं दिया था, तो वे भुगतान क्यों करें?

जबकि विशनपुर पंचायत की मुखिया रोजी राजल ने इस सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि शहीद के दरवाजे से लेकर अंतिम संस्कार स्थल पर लगे पंडाल व अन्य सामग्री का भुगतान सदर अनुमंडल पदाधिकारी के आदेशानुसार मैंने अपने स्तर से कर दिया है। उन्होंने बताया कि शहीद के दरवाजे पर लगे पंडाल से लेकर अंतिम संस्कार स्थल तक टेंट व अन्य सामग्री का भुगतान टेंट वाले को कर दिया गया है। बाँकी शहीद के परिजनों से टेंट व जनरेटर के बकाया राशि मांगने वाली बात अफवाह है।

इधर टेंट संचालक रवि यादव ने बताया कि उन्हें टेंट या जेनरेटर लगाने का ऑर्डर प्रशासन ने नहीं, बल्कि शहीद कुंदन के चाचा महेन्द्र यादव ने दिया था। मामले की जानकारी देते हुए सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि शहीद का राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार तक जो भी व्यय था सरकारी स्तर से विभाग के तरफ से टेंट मालिक को भुगतान कर दिया गया है।

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