उत्तर प्रदेश: लखनऊ पूर्वांचल विद्युत वितरण के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी लामबंद हो गए हैं अब वह आर-पार की लड़ाई के मूड में है ऐसे में बिजली संकट बढ़ सकता है विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने शुक्रवार को बैठक कर 5 अक्टूबर से पूरी तरह से कार्य बहिष्कार का फैसला लिया है।
पूरे देश में निजी करण का विरोध हो रहा है लेकिन केंद्र सरकार अपने निजी करण तो बहुत जोरों शोरों से काम कर रही है इंडियन रेलवे में 25% हिस्सेदारी बेच दी है वहीं एयर इंडिया पूरी तरीके से निजी करण करने का विचार है सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि एलआईसी भी निजी करण हाथों में जाएगी।
समिति की ओर से अभी 3 घंटे का ही कार्य बहिष्कार किया जा रहा था इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है उधर पावर ऑफिस अर्थ एसोसिएशन नेवी बैठक कर निजी करण के विरोध में आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए शनिवार को ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बुलाया है संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन अपनी विफलता को छिपाने और हठधर्मिता के चलते निजी करण करने पर जोर दे रहा है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है अभी कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से 3 घंटे का बहिष्कार कर रहे हैं इसे शासन में गलत तरीके से पेश किया जा रहा है 5 अक्टूबर से पूरे दिन का कार्य भविष्य कार्य शुरू किया जाएग।
अभी तो विद्युत उप केंद्रों पर तैनात कर्मियों व अन्य जरूरी काम करने वाले बिजली कर्मी हड़ताल से अलग है अगर किसी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल व जेल भरो आंदोलन शुरू होगा।