भारत में बढ़ते Covid-19 संक्रमण के मामलों ने सरकार सहित हर किसी को डरा रखा है। इसके बावजूद भी कुछ लोगों के मन में कोरोना की वैक्सीन को लेकर काफी उथल-पुथल मची हुई है। तो कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो कि इसको लगवाने से पूरी तरह कतरा रहे हैं। ये हाल तब है जब सरकार और विशेषज्ञ लगातार ही इस बात को कह रहे हैं कि अपनी बारी आने पर हर कोई कोरोना की वैक्सीन जरूर लें, और सिर्फ इससे ही कोरोना संक्रमण की बढ़ती हुई चेन को तोड़ा जा सकता है।
बता दें कि शोध के जरिए ये बात भी सामने आई है कि ये Covid-19 संक्रमण हवा के जरिए और भी अधिक तेजी से फैल रहा है न कि संक्रमित सतह को छूने से। वही पूरी दुनिया में भारत फिलहाल एकमात्र ऐसा देश है जहां पर इसके सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। वही पिछले 24 घंटों के दौरान देश में यह रिकॉर्ड 2,61,500 नए मामले इस बात का जीता जागता सुबूत हैं। जबकि पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण से 1500 से भी अधिक लोगों की मौत हुई है। कोरोना काल में इससे पहले सर्वाधिक मौत 16 सितंबर 2020 को दर्ज की गई थीं। जबकि बीते दो महीने के दौरान देश में कोरेाना के सक्रिय मरीजों में पहले से 12 गुना तेजी आई है।
देश में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों केा देखते हुए सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है। पूरे देश में कई जगहों पर 24 घंटे टीकाकरण और टेस्टिंग की सुविधा दी गई है। इसके बावजूद भी लोगों का इससे दूर भागना समस्या की बड़ी वजह बनता जा रहा है। इसमें भी कोई शक नहीं है कि ऐसे समय में भी कई जगहों पर लोग बिना मास्क के घूमते हुए नजर आते हैं जो अपने अलावा दूसरों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। बता दें कि लोगों की इसी लापरवाही को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिल कर कड़े नियम भी बनाए हैं।
कोरोना की वैक्सीन से कतराने वाले लोगों का कहना है कि जब इसको लगवाने पर भी लोग संकमित हो रहे हैं तो फिर इसका फिर क्या फायदा है। इस सवाल का एक बेहद सीधा सा जवाब है कि कोरोना वैक्सीन न लगवाने वाले गंभीर संक्रमण के शिकार हो सकते हैं, जबकि वैक्सीन लेने वाले इसतरह के गंभीर संक्रमण से बच सकते हैं। दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना वैक्सीन से इस खतरनाक वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने यह स्पष्ट कहा है कि कोई भी वैक्सीन इस वायरस पर सौ फीसद कारगर नहीं है।
कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें की पहले कोरोना हुआ था लेकिन अब वो पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। ऐसे में उन्हें वैक्सीन को लेकर गलतफहमी है। जबकि हाल ही में आया एक शोध में यह बताया गया है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पहले संक्रमण से ठीक होने वाले लोग इसका दोबारा शिकार नहीं हो सकते हैं। वो भी दोबारा संक्रमित हो सकते हैं। अमेरिका में हुए एक शोध के दौरान यह पता चला है कि ऐसे लोग अगर वैक्सीन लेंगे तो फिर उनके शरीर में पहले से मौजूद एंटी बॉडीज को और भी अधिक ताकतवर बनाया जा सकता है। लेकिन यदि उन्होंने वैक्सीन नहीं ली तो फिर वो भी गंभीर संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
वही अगर भारत की बात करें तो फिर देश में फिलहाल दो स्वदेशी वैक्सीन के जरिए टीकाकरण अभियान लगातार तेजी से चल रहा है। सरकार ने अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी को भी आपात सेवा के तौर पर इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण मामलों में आई तेजी के मद्देनजर कुछ और भी अन्य वैक्सीन को भी इसी तरह से मंजूरी दी गई है। आने वाले कुछ महीने के अंदर भारत में कुछ और भी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी।