आप कोरोना बीमारी से जरूर लड़ सकते हैं पर भूख और इमोशनल अटैचमेंट से लड़ पाना बहुत ही मुश्किल है लॉक डाउन के चलते लोग विभिन्न स्थानों से घर जाने के लिए पैदल चलने को मजबूर है सरकार की ओर से मनाही के बावजूद अभी लोग पैदल पैदल सैकड़ों हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं यह मामला उत्तर प्रदेश के बरेली का है यहां के कुछ छात्र जो कि रोहिलखंड यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे कुछ छात्र एक बस्ते में कुछ कपड़े बिस्कुट और पानी जैसी चीजें लेकर 500 किलोमीटर दूर अपने घर वाराणसी की ओर निकल पड़े|
वह लोग करीब 11:00 बजे लखनऊ पहुंचे उस समय धूप बहुत ही तेज थी| स्टूडेंट ने बताया कि वह करीब पिछले 24 घंटों का सफर तय करके बरेली से लखनऊ पहुंचे उन्होंने यह सफर पैदल और रास्ते में आने जाने वाले वाहनों से लिफ्ट लेकर तकिया बरेली से लखनऊ की दूरी करीब करीब ढाई सौ किलोमीटर है उन्हें 320 किलोमीटर की दूरी तय करके अपने घर वाराणसी को जाना है उन्होंने बताया हमारे लिए कोई और विकल्प नहीं बचा है एक्सीडेंट मिश्रा ने कहा मैं एक दिहाड़ी मजदूर करने वाले परिवार से ताल्लुक रखता हूं मेरे घर वालों ने बड़ी मुश्किलों से मुझे पढ़ने के लिए भेजा है वह मुझे और पैसे भेजेंगे अगर वह खुद कमा रहे होते तो लेकिन लोग डाउन की वजह से काम बंद है बता दें कि कोरोनावायरस के फैलने से रोकने के लिए सरकार ने देश भर में लोग डाउन लगाया हुआ है|
मैं से एक अन्य स्टूडेंट्स शुभम सिंह ने कहा हमें आने में एक वरिष्ठ अधिकारी ने मदद की हमें बरेली के पास हाईवे पर एक ट्रक में चढ़ा दिया उन्होंने हमें बड़े शहरों में जाने से मना किया और राजमार्ग से जाने के लिए कहा अन जगहों पर कुछ अधिकारियों ने हमें पानी और भोजन दिया और हमसे सहानुभूति जताई|
इन छात्रों में शामिल गोलू मिश्रा ने कहा हमारे परिवार ने 14 अप्रैल तक रहने खाने के लिए पैसे भेजे थे हम बरेली के पीजी में रहते हैं और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं हमारे सारे पैसे खर्च हो गए थे तो हमारे पास और कोई ऑप्शन बचा नहीं तो हम लोग घर के लिए निकल गए| आपको बता दें कि देश में लॉक डाउन का दूसरा चरण जारी है जो कि 3 मई को खत्म होगा| (Source:NDTV)