बुधवार को सेंटर फॉर साइंस एनवायरमेंट यानी सीएसई ने रिपोर्ट जारी कर पतंजलि डाबर जैसी कंपनियों द्वारा बेचे जा रहे शहद पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ प्रमुख ब्रांडो के शहद में शुगर सिरप मिलाते पाया गया है। बता दे कि शुगर सिरप को इस तरह बनाया जाता है कि मौजूदा भारतीय जांच एजेंसियां इसे पकड़ नहीं पाती।

वहीं सीएसई के दावों को पतंजलि और डाबर ने गलत बताते हुए इसे कंपनी के छवि को खराब करने का कदम बताया। इसके साथ ही कंपनियों ने कहा कि उनके द्वारा बनाए गए शहद 100 फ़ीसदी शुद्ध है, और इसमें किसी भी तरह की चीनी का कोई मिलावट नहीं किया जाता है।

दरअसल बुधवार को सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने प्रेस कॉन्फस कर बताया कि 13 ब्रांड में से 10 ब्रांड के सैंपल एनएमआर ( सैंपल न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजनेंस ) में फेल हो गए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिन 10 ब्रांडों के सैंपल फेल हुए हैं उनमें से 3 ब्रांड तो भारतीय गुणवत्ता के स्टैंडर्ड को भी पास नहीं कर सके।

वही पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने इसे कंपनी के छवि को खराब करने का साजिश बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी एफएसएसएआई (Fssai) के सभी मानकों का पालन करते हुए 100 फ़ीसदी शुद्ध शहद बनाती है।

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