हर दिन हज़ारों श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाज़त देने वाले आंध्रप्रदेश के तिरुमाला तिरुपति मंदिर में कोरोना का विस्फोट हो गया है. अब तक इस मंदिर के 90 कर्मचारी और कम से कम 15 पुजारी कोरोना की चपेट में आ गए हैं.

कोरोना महामारी के चलते 80 दिनों तक बंद रहने के बाद इस मंदिर को 11 जून को खोला गया था जिसे कोरोना विस्फोट होने पर बंद करने की मांग उठ रही है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने संक्रमण से बचने के लिए मंदिर के पुजारियों, स्वास्थ्यकर्मियों और अधिकारियों के साथ बैठक की है.

टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल के मुताबिक हर दिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 6 हज़ार सीमित की गई थी जिसे बाद में बढ़ाकर 12 हज़ार श्रद्धालु कर दिया गया. मंदिर प्रशासन के मुताबिक 11 जून से 10 जुलाई तक तिरुपति के मंदिर में लगभग ढाई लाख श्रद्धालु आ चुके हैं.

मंदिर में कोरोना विस्फोट होने पर 3,569 कर्मचारियों और पुजारियों की कोरोना जांच की गई, जिनमें से 105 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं चित्तूर ज़िला प्रशासन अब उन श्रद्धालुओं की कोरोना जांच करने में जुट गया है जो हाल ही में मंदिर में दर्शन करने आए थे. चित्तूर प्रशासन हर दिन 100 से 150 श्रद्धालु और 100 से 200 मंदिर स्टाफ की कोरोना जांच कर रहा है.

आंकड़े बताते हैं कि धार्मिक नगरी तिरुपति में अब तक एक हज़ार कोरोना मरीज़ों का पता चल चुका है और संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहा है. वहीं ट्रेड यूनियन सीटू और वर्कर्स यूनाइटेड फ्रंट ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम प्रशासन को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि मंदिर में दर्शन फिलहाल रोक दिया जाए.

तिरुपति मंदिर को बंद करने से ठीक पहले कुरनूल ज़िले में प्रसिद्ध श्रीसायलम मंदिर को बंद किया गया है. यहां भी कोरोना का विस्फोट हुआ था और सिर्फ मंदिर के भीतर 32 कोरोना मरीज़ मिले थे.

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