प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर बेरोजगार युवाओं ने और बेरोजगारी दिवस मनाए कहीं थाली बजाई तो कहीं तालिया बजाइए इस सम्मान के साथ मोदी जी की जन्मदिन की बधाइयां दी बेरोजगार युवा सरकार से सीधा सवाल कर रहे हैं कि उनकी समस्याओं का हल कब होगा तालाबंदी के बाद देश में कई करोड़ लोग बेरोजगार हुए जिसमें माइग्रेंट लेबर टीचर प्राइवेट इंजीनियर डॉक्टर सभी शामिल थे.
CMIE के आंकड़े पहले मजदूरों गई नौकरी उनके धंधा खत्म होने को लेकर सामने आया था. अब प्रोफेशनल जिनमें शामिल डॉक्टर इंजीनियर टीचर और कई फिल्ड में काम करने वाले को लेकर आंकड़े आए हैं जिसमें बताया जा रहा है की मई से अगस्त के बीच लगभग 66 लाख नौकरियां चली गई उनको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
CMIE ने डाटा जारी कर बताया है कि पिछले साल मई से अगस्त के बीच 188 लाख लोग नौकरियां कर रहते थे लेकिन इस साल वह आकरे घटकर 122 लाख नौकरियां हैं कर रहे हैं जो सैलरीड एंप्लॉय हैं.
दरअसल 2014 के बाद देश में बेरोजगारी दिन पर दिन बढ़ते हुए नजर आया, CMIE के आंकड़े के अनुसार बताया जा रहा है कि इस साल नौकरियों में वृद्धि हो रही थी लेकिन सरकार की गलत तालाबंदी की वजह से नौकरियों में भारी गिरावट आई..
एक तो पहले से ही सरकार की गलत नीति की वजह से हर दिन नौकरियां कम ही होते जा रही है चाहे वह प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन में हो चाहे गवर्नमेंट में हो नौकरियां पाना बहुत मुश्किल हो गया है देश की युवा बेरोजगार घूम रहे हैं लेकिन सरकार इन बातों पर कोई चिंतित नहीं है.
CMIE रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी प्रोफेशनल सैलरीड कर्मचारी के अलावा औद्योगिक श्रमिक भी बेरोज़गारी की मार झेल रहे हैं। एक साल में 26% इंडस्ट्री वर्कर्स की नौकरियों में कटौती हुई है, 50 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि ऐसी हालात देश में 40 साल पहले पहले हुआ था आज वही हालात फिर से दोहरा रहे हैं किसान रोड पर बैठा है सरकार सुनने को तैयार नहीं बेरोजगारी रोड पर प्रदर्शन कर रहे हैं उनको पीटा जा रहा है लेकिन सरकार फिर भी चुप है. इस रिपोर्ट से आप पता लगा सकते हैं कि देश में बेरोजगारी का क्या आलम है।