गोड्डा में अडानी पावर लगभग 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से 1600 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगा रही है। इसके लिए चीन की कंपनी सेप्को थ्री (एसटीजी) से अनुबंध है। विधायक प्रदीप यादव ने यह अनुबंध रद्द करने की मांग करते हुए 4 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि पावर प्लांट के निर्माण में चीन के करीब 95 इंजीनियर और सैकड़ों कामगार लगे हुए हैं।
यदि यह काम किसी भारतीय कंपनी को दी जाती तो यहां तकनीकी रूप से दक्ष बेरोजगारों को रोजगार मिलता। एक ओर स्थानीय लोग बेरोजगार हैं, वहीं उनकी छाती पर बैठकर चीनी लोग काम कर रहे हैं। एक तरफ चीन सरहद पर हमारे जवानों पर बर्बर कार्रवाई कर रहा है, दूसरी ओर हमारे सीने पर बैठकर आराम से हमारे पैसे लूट-खसोट रहा है।
620 एकड़ में बन रहा है पावर प्लांट
5 हजार कुशल और अकुशल मजदूर प्लांट में शामिल होंगे
252एकड़ ग्रीन बेल्ट के लिए सुरक्षित रखी है
172एकड़ में बन रहा 841परिवारों के पुनर्वास के लिए 507 करोड़ रुपए का प्रावधान
मशीनों पर लिखा है- मेड इन चाइना टू इंडिया
पड़ताल में पाया गया कि वाहनों पर लदी सभी मशीनों पर मेड इन चाइना टू इंडिया लिखा है। प्लांट के बाहर कुछ दूरी पर इनोवा गाड़ी प्लांट से निकलती है। उस पर कुछ लोग मास्क लगाए दिखते हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि- ये सेप्को थ्री के लोग हैं। कंपनी से अडानी कंपनी का 9000 करोड़ का एकरारनामा है। सेफ्को थ्री को 2022 तक मुख्य बॉयलर व टर्बाइन लगा देने हंै। प्लांट के अंदर ब्रिज एंड रूफ, सिंप्लेक्स, पहाड़पुर, धनवर्षा, आरसी कंपनियां भी काम करती हैं।
स्थानीय लोगों का दुखड़ा…वादा किया था प्लांट में नौकरी देंगे, पर दी नहीं
प्लांट से ठीक सटे हुए कादर टोला मोतिया के कारू लैया, फेकन लैया, मुसो लैया कहते हैं कि हमलोग बचेंगे कि उजड़ जाएंगे बाबू…। हमलोगों के पास मात्र रहने की जमीन है। प्लांट के अधिकारियों ने कहा था कि रोजगार मिलेगा, पर स्थानीय मजदूर को काम ही नहीं दिया जा रहा है। आगे बढ़ने पर पटवा समरूआ गांव के ग्रामीण चारों ओर फैली बिजली ट्रांसमिशन लाइन दिखाते हैं।
कहते हैं- बड़े- बड़े टावराें से गांवों को घेरा जा रहा है। ताकि गांव के गांव उजड़ जाएं। आगे बढ़ने पर गोविंदपुर गंगटा में आदिवासियों के कुछ घर हैं। सूर्यनारायण हेम्ब्रम ने कहा कि हमलोगों ने शुरू से अडानी पावर प्लांट का विरोध कर रहे हैं, पर कंपनी के अधिकारी गांवों के प्रभावशाली लोगों को हर माह रुपए देकर अपनी ओर कर लेते हैं।