बुलेट ट्रेन को लेकर पीएम मोदी ने देश को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे। अब वह अपने समय पर शुरू नहीं होगी। मुंबई अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन की रफ्तार पकड़ने में थोड़ा समय और लग सकता है पहले ये प्रोजेक्ट 2023 में पूरा होने वाला था। लेकिन अब 2028 तक पूरा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

भारत के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में लगातार रुकावटें आ रही है, मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन को देखने के लिए अब देशवासियों को और 5 साल इंतजार करना पड़ेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह है. विश्व भर में फैली महामारी, साथ ही जापानी कंपनियों की कम हिस्सेदारी, नीलामी के लिए बोली लगाने वालों के अनुचित रेट की वजह से कैंसिल हुए टेंडर, भूमि अधिग्रहण में हो रही देरी, अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट समेत कई वजह से भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना अटक गई है,

प्रोजेक्ट के सबसे महत्वपूर्ण सेक्शन माने जा रहे 21 किलोमीटर के अंदर ग्राउंड स्ट्रेस के लिए जापान की तरफ से हिस्सेदारी नहीं मिली है. 21 किलोमीटर के इस अंडरग्राउंड स्ट्रेच में से 7 किलोमीटर का सेक्शन मुंबई के पास समुद्र से होकर गुजरेगा अभी तक इसे लेकर डील फाइनल नहीं हो सकी है, 21 किलोमीटर के निर्माण के लिए एडवांस बोरिंग मशीन और स्पेशल टेक्निकल मेथड की जरूरत पड़ेगी. जिसमें महाराष्ट्र के नजदीक फ्लेमिंगो सेंचुरी को बचाए रखना भी मकसद होगा. इसको पूरा करने के लिए 60 महीनों से अधिक के समय की जरूरत पड़ेगी जापानी कंपनियों की तरफ से ग्यारह टेंडर्स की बोली अनुमानित 90% अधिक की लगाई गई,

हालांकि भारत ने अधिकतर देने से इनकार कर दिया है, इससे पहले भी जमीन अधिग्रहण की वजह से दिसंबर 2017 में शुरू होने वाला काम अभी अटका पड़ा है. महाराष्ट्र में 430 हेक्टेयर जमीन में से करीब एक सौ हेक्टेयर का अधिग्रहण भी हो चुका है. वहीं गुजरात में करीब 1000 एकड़ के अधिग्रहण का काम इस साल के आखिर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. रेलवे ने अब इस परियोजना के अक्टूबर 2028 में पूरा होने का अनुमान लगाया है. पहले प्रोजेक्ट पूरा होने की टाइमलाइन दिसंबर 2023 तक थी, यानी 508 किलोमीटर की मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल की स्पीड पर अभी 5 साल और ब्रेक लग गया है।

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