मध्य प्रदेश: विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है अगर इस बीजेपी हार जाती है तो शिवकर सिंहासन डोल जाएगा यही वजह है कि पार्टी जीत के लिए नए-नए हथकंडे अपना रही है लेकिन विरोधियों पर भारी परने से ज्यादा यह हथकंडे बीजेपी पर ही भारी पड़ रही है क्योंकि बीजेपी के नेता ही कानून के शिकंजे में गिर रहे है।
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नोट के बदले वोट के खेल में कैसे गिरे नेताजी,
मध्य प्रदेश चुनाव में लगता है कि बीजेपी को अपनी जीत पर जरा भी भरोसा नहीं है इसलिए वह नोट के बदले वोट की खेल खेल रही है पहले मंत्री बिसाहूलाल सिंह और मंत्री विजेंद्र यादव फंसे थे लेकिन अब बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटा आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
सांवेर में चल रहे उपचुनाव के दौरान जैसे ही बीजेपी के विधायक नोट बांटे वैसे ही कांग्रेस ने वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया और शिकायत लेकर सीधे चुनाव आयोग पहुंच गए जिसके बाद विधायक अकाश विजयवर्गीय के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
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पुलिस ने आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ धारा 188 और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के तहत केस दर्ज किया है, लेकिन यह पहला मौका नहीं है, जब आकाश विजयवर्गीय ने बीजेपी की किरकिरी करवाई हो ।
इससे पहले 2019 में आकाश विजयवर्गीय ने बीजेपी की मुसीबत बढ़ाई थी, उन्होंने इंदौर नगर निगम कर्मियों के साथ हाथापाई की थी इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया गया था ।
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आकाश के खिलाफ थाना एमजी रोड में धारा 353 तथा 294 506 147 148 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन फिर भी बीजेपी विधायक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं, अब जब नेता नहीं मानेंगे तो विपक्ष को तो मौका मिलेगा ही ।
इसीलिए कांग्रेस ने बलराम और विधायक के खिलाफ मौका देखते हुए चौका लगा दिया अब देखना यह होगा कि बीजेपी के चुनावी खेल में इसका क्या हर्जाना भुगतना पड़ता है।
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