मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी कांग्रेस के बागियों के सहारे अपनी नैया पार लगाने की कोशिश कर रही है. लेकिन चुनाव के बीच भंवर में अब उसकी कश्ती डूब सकती है. क्योंकि कांग्रेस ने ऐसा तरीका निकाल लिया है जिससे बागी कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि बीजेपी के लिए परेशानी की सबब बनेंगे.
कांग्रेस के 25 विधायकों ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम सुबे में शिवराज की सरकार बनवा दी पर उन बागी नेताओं की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. क्योंकि न सिर्फ कांग्रेस बयानों के जरिए उन्हें घेर रही है बल्कि अब कांग्रेस ने कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है. जिस पर सुनवाई के लिए हाई कोर्ट भी राजी हो गया.
दरअसल याचिका में कांग्रेस ने मांग की है कि करोड़ों में कांग्रेस से बीजेपी में गए 25 विधायकों से उपचुनाव में होने वाले खर्च राशि वसूली जाए. कांग्रेस का कहना है कि 25 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग के करोड़ो खर्च होंगे. यह राशि 25 बागियों से वसूली जाए. कांग्रेस की इस याचिका पर हाई कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया हैं.
कोर्ट के रुख के बाद कांग्रेस बीजेपी पर आक्रामक हो गई है याचिका स्वीकार होने के बाद पार्षद गुड्डू चौहान ने बताया कि हमने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मांग की है कि कांग्रेस विधायक बीजेपी से 35-35 करोड़ रुपए लेकर पार्टी में शामिल हुए. हमारी मांग है कि प्रत्येक विधानसभा में होने वाली चुनाव खर्च का भुगतान इन 25 विधायकों से लिया जाए.
कांग्रेस का कहना है कि क्योंकि ये विधायक थे तो उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, और इस्तीफा दिया तो फिर चुनाव क्यों लड़ रहे हैं. कांग्रेस की यह याचिका बागी विधायकों को मुश्किल में डाल सकती है. क्योंकि अगर कोर्ट ने भुगतान करने का फैसला सुना दिया तो उनके हाथ से पैसा चला जाएगा.
जिसके लिए उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. यह याचिका बीजेपी के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है अगर कोर्ट ने एक्शन लिया तो 25 विधायक कटघरे में आ जाएंगे और शिवराज का सत्ता भी खतरे में आ जाएगा. क्योंकि बीजेपी ने उपचुनाव में कांग्रेस के बागियों को ही टिकट थमाया है. टीम 25 के फेर में बीजेपी बुरी तरह फस चुकी है. अब तो नजरें कोर्ट के फैसले पर है टीकी है.