देश में जारी कोरोनावायरस संकट के बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) सरकार ने कैबिनेट का विस्तार किया सरकार गठन के 28 दिनों बाद शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ मंत्रिमंडल में बीजेपी खेमे से तीन और कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के दो करीबियों ने शपथ ली इधर कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने ट्वीट किया “सिंधिया कोटे के दो मंत्री बनाकर भाजपा ने तो यह स्पष्ट कर दिया कि सिंधिया के 10 मंत्री तो नहीं बनेंगे देखते हैं सिंधिया अपनी रियासत कितनी बचा पाते हैं सिंधिया जी या भाजपा है”|
कांग्रेस विधायक के बाद किधर मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से भी शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला मध्य प्रदेश कांग्रेस के हैंडल से ट्वीट किया गया “यह मंत्रिमंडल नहीं लोकतंत्र की नीलामी है इंदौर में जनता द्वारा चुने गए बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला उषा ठाकुर और महेंद्र हार्डिया को मंत्री नहीं बनाया गया जो विधायक रहे हैं जिसने जनमत का सौदा किया जो लोकतंत्र पर एक दाग है उसे मंत्री बनाया है शर्म करो शिवराज”|
शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्रिमंडल गठन का जो विस्तार किया गया उसमें क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों से साधना की पूरी कोशिश की गई बीजेपी से वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा जो ग्वालियर चंबल संभाग और स्वर्ण वर्ग से आते हैं मीना सिंह आदिवासी बहुल इलाके उमरिया जिले के मानपुर से विधायक है एक वक्त कमल पटेल हरदा से विधायक हैं ओबीसी वर्ग से आते हैं सिंधिया गुट से ताल्लुक रखने वाले तुलसी सिलावट पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं और इसके अलावा मालवा के अनुसूचित जाति के बड़े नेता हैं और गोविंद सिंह राजपूत बुंदेलखंड से आते पिछली सरकार में परिवहन और राजस्व का जिम्मा था तो कुल मिलाकर जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश की गई इस मंत्रिमंडल विस्तार में|
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस खेमे से आए विधायक जिनमें माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का बहुत ही बड़ा हाथ था उनमें से कितने विधायकों को मंत्री पद मिलता है यह देखना दिलचस्प होगा और देखना यह भी होगा कि जितना वर्चस्व ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस में था उतना बीजेपी में शामिल होने के बाद होगा|