वैसे, जूता-चप्पल या थप्पड़ चलने का इतिहास पुराना है. कभी नेता किसी अफसर पर लात-घूंसे बरसा देते हैं तो कभी आम जनता नेताओं पर हमला कर अपने गुस्से का प्रदर्शन करती है. आइए इतिहास के उस हिस्से की याद दिलाएं जब नेताओं पर जूते या चप्पल फेंके गए.
राजनीति में अब कहां थप्पड़ या चप्पल चल जाए, कहना मुश्किल है. ताजा मामला मथुरा नगर निगम (Mathura Municipal Corporation) की बैठक का है. इस बैठक में भाजपा पार्षद (BJP Councilor) दीपिका रानी सिंह भी मौजूद थीं. बीच बैठक में वे मंच तक पहुंच कर नगर आयुक्त (Municipal Commissioner) रविंद्र कुमार को चप्पल मारना चाहीं. वीडियो में देखा जा सकता है कि नगर आयुक्त तो इस चप्पल से बच गए पर बचाव करने आए नगर आयुक्त के पीए को चप्पल पड़ी. बाद में भाजपा पार्षद दीपिका रानी सिंह ने कहा, “नगर आयुक्त को इलाके की परेशानियां बता रही थीं, उन्होंने मेरा हाथ झटका और कहा – चल बैठ! मुझे गुस्सा आ गया।”
मथुरा जिले में शुक्रवार को मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की बैठक में एक महिला पार्षद ने पहले नगर आयुक्त एवं महापौर की ओर चप्पल फेंकी और बाद में आयुक्त के निजी सचिव को चप्पलों से पीटा। बैठक में बलदेव क्षेत्र के विधायक, नगर निगम के महापौर सहित 80 पार्षद शामिल हुए थे।
दर्ज कराई शिकायत
नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि वार्ड 24 की महिला पार्षद दीपिका रानी एवं उनके पति पुष्पेंद्र के विरुद्ध थाना कोतवाली में शु्क्रवार देर शाम बैठक के दौरान अभद्रता, मारपीट एवं गाली-गलौज करने और सरकारी काम में बाधा डालने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्होंने बताया कि बैठक की शुरुआत में दीपिका अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अपने क्षेत्र की शिकायतें रखने लगीं।
पार्षद के खिलाफ होगी कार्रवाही
मांदड़ ने कहा कि पार्षद को जब चुप रहने और बैठक विधिवत प्रारंभ होने के बाद संबंधित सत्र में अपनी बात रखने को कहा गया, तो उन्होंने पैर से चप्पल निकालकर नगर आयुक्त एवं महापौर की ओर उछाल दी। उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त के निजी सचिव होशियार ने पार्षद को जब ऐसा करने से रोका, तो उन्होंने उनकी चप्पलों से पिटाई की। महापौर मुकेश कुमार वाल्मिीकि ने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय घटना है। हर अधिकारी एवं कर्मचारी का सम्मान होता है।उन्होंने कहा कि पार्षद दीपिका रानी के खिलाफ कार्रवाई के लिए बात की जाएगी।