सबसे पहले तो यह जानिए कौन है RSS और किस की आजादी में क्या योगदान था

RSS वह संगठन है जिसने देश की आन बान और शान तिरंगे का हमेशा विरोध किया है और तिरंगे की जगह भगवा झंडा का समर्थन किया है. यह संगठन (RSS) कभी फैलता कभी सिकुड़ता हुआ भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने के मिशन में लगा हुआ है. आरएसएस काग़ज़ पर हिंदुत्व को धर्म नहीं जीवनशैली कहता है. लेकिन व्यवहार में मुस्लिम तुष्टीकरण, धर्मांतरण, गौहत्या, राम मंदिर, कॉमन सिविल कोड जैसे ठोस धार्मिक मुद्दों पर सक्रिय रहता है जो सांप्रदायिक तनाव का कारण बनते हैं. और अनगिनत रिपोर्टों के मुताबिक़ अक्सर इस संगठन की दंगों में भागीदारी का आरोप लगा है.

आजादी में क्या योगदान? आजादी से करीब 60-62 साल पहले ही कांग्रेस का गठन हुआ, जिसने आजादी की लड़ाई में एक अहम भूमिका तो निभाई ही थी साथ ही वो देश के सबसे पुराने संगठनों में भी शुमार है जो अब तक अस्तित्व में हैं। ऐसा ही एक संगठन है आरएसएस जिसकी स्थापना आजादी से करीब 25 साल पहले हुई। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आजादी की लड़ाई में RSS का क्या योगदान रहा था.

तिरंगे की जगह भगवा झंडा 
जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी मामले के बाद देश में हरेक यूनिवर्सिटी में झंडा लगाने का फरमान जारी किया गया, लेकिन 2001 में  आरएसएस मुख्यालय नागपुर में तिरंगा फहराने के कारण राष्ट्रप्रेमी युवा दल के उत्तम मेंढे, विजय रमेश कलंबे और दिलीप छततानी  पर मामले दर्ज कराकर जेल भिजवाया था।

पिछले दिनों जब यह मामला उठा तो संघ ने इस मामले पर सफाई देते हुए अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि ‘भगवा ध्वज का निर्माण संघ ने नहीं किया है और न ही उसका इरादा कोई अलग झंडा बनाने का है। संघ ने भगवा ध्वज इसलिए स्वीकार किया है क्योंकि यह हजारों सालों से “राष्ट्र धर्म” का प्रतीक रहा है।’

कांग्रेस पार्टी के अंदर इन दिनों सचिन पायलट को लेकर काफी उथल पुथल मची हुई है। पार्टी ने पायलट को राजस्थान प्रदेश इकाई अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से हटा दिया है। पायलट समर्थित विधायकों की योग्यता भी समाप्त कर दी गई है। इसे लेकर पायलट कोर्ट पहुंच गए। कांग्रेस के अंदर की इस कलह को विपक्षी दल अवसर में तब्दील करते हुए पार्टी औऱ उसके नेतृत्व पपर निशाना साध रहे हैं। कुल मिलाकर इस मुद्दे पर राजनीति चरम पे है।

इसी मुद्दे को लेकर हिंदी न्यूज चैनल न्यूज 18 पर एक लाइव डिबेट शो किया गया। इस शो में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार कुमार केतकर भी मौजूद रहे। शो में एक दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए। शो में एक मौका ऐसा भी आया जब बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा बुरी तरह से भड़क गए।

दरअसल संबित पात्रा को आपत्ति थी कि बीजेपी औऱ आरएसएस को अंग्रेजों का एजेंट उनके तलवे चाटने वाला क्यों कहा जाता है। इसी पर अपना आक्रोश जाहिर करते हुए पात्रा ने कहा- मैं बताता हूं अंग्रेज कौन है। अंग्रेज कांग्रेस की पिछले 19 सालों से जो अध्यक्ष हैं। उनका नाम एंटोनियो माइनो है। उनके पिता का नाम स्टीफनो माइने था। वह मुसोलिनी के लिए काम करते थे। उन्होंने मुसोलिनी के लिए नरसंहार किया था। संजय निरुपम ने इस बारे में आर्टिकल भी लिखा है।

इसके आगे संबित अपने चेहरे पर उंगलियां फेरते हुए कहने लगे कि ये बोलेंगे हमें अंग्रेज। मेरे स्किन का कलर देखिए क्या मैं अंग्रेज दिखता हूं। सोनिया गांधी अंग्रेज हैं। वह कैसी हिंदी बोलती हैं। अंग्रेज हम हैं कि वो हैं। संबित ने आगे कहा कि आद के बाद बीजेपी या संघ को किसी ने अंग्रेज या अंग्रेजों का एजेंट कहा तो हम एंटोनिया माइनो के ऐसे कच्चे चिट्ठे खोलेंगे कि फिर 200 थानों में एफआईआर करते रहना।

कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह पर भड़कते हुए संबित ने ये भी कह दिया कि अब अगर एक बार भी हमें अंग्रेजों का एजेंट कहा तो इतनी बार एंटोनियो माइनो कहूंगा कि हर थाने में जाकर एफआईआर कराते रहना।

टीवी पर कई बार करा चुके हैं अपनी बेज्जती

इससे पहले लाइव डिबेट में कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी ने संबित पात्रा को बिना घंटी का घंटा कह दिया था उन्होंने कहा था बिना घंटी का घंटा संबित पात्रा जिसको मैंने सर्टिफिकेट दे दिया तो दे दिया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here