बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले है, ऐसे में बिहार के नेताओं ने जनता के दरबार में हाजिरी लगाना शुरू कर दिया है. जो राजनेता पिछले चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद से ही कभी क्षेत्र में दुबारा ठीक से नजर नहीं आए, जनता को उनके दर्शन करने का अवसर भी प्राप्त हो रहा है. नेताओं ने जनता को अपने खेमे में रीझना शुरू कर दिया है, वहीं जनता भी बीते पांच सालों का हिसाब किताब मांग रही है.

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इतना ही नहीं नेताओं द्वारा हिसाब नहीं दिए जाने पर जनता नेताओं को सरेआम पी’टने में भी पीछे नहीं रह रही है. ताजा मामला बिहार के वैशाली जिले से सामने आया है. वैशाली के महनार में बुधवार को सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के विधायक उमेश कुशवाहा अपने क्षेत्र के बघनौचा-लावापुर की एक सड़क के उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे.

खास बात यह है कि लंबे समय से चल रहे इस सड़क निर्माण का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ था लेकिन चुनावों को नजदीक देख विधायक जी उद्घाटन करने पहुंच गए, नतीजा यह रहा कि स्थानीय लोग भ’ड़क उठे. गु’स्साए स्थानीय लोगों ने विधायक उमेश कुशवाहा के नाम वाले शिलापट को भी तोड़ डाला.

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इतना ही नहीं जनता ने विधायक से पिछले पांच साल में उनके द्वारा किये गए विकास कार्यों का लेखा जोखा भी मांग लिया. बात इतनी बिगड़ गई कि गु’स्साई जनता ने विधायक के सामने ही समर्थकों को पी’टना शुरू कर दिया. मामला बढ़ता देख विधायक के बॉडीगार्ड को बीच बचाव करना पड़ा तब जाकर कहीं मामला शांत हुआ.

वहीं इससे पहले जहानाबाद में भी बिहार सरकार के राज्य शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा को जनता के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा था. दरसअल कृष्ण नंदन वर्मा वोट मांगने जहानाबाद पहुँचे. जहाँ गुस्साए ग्रामीणों ने मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे जिससे विधायक जी को बिना गाड़ी से उतरे बेरंग वापस जाना पड़ा.

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फिहलाल कृष्ण नंदन वर्मा हासी के विधायक है और इस बार जहानाबाद से जेडीयू की टिकट से चुनाव लड़ रहे है. इसी बीच नेता जी वोट मांगने जहानाबाद की क्षेत्र में निकले. जहाँ एयरोड्रम मैदान में एकत्रित ग्रामीणों तथा बेरोजगार युवाओं ने मुर्दाबाद के नारे लगाकर नेताजी के विरोध करने लगे. जिससे नेता जी ने बिना गाड़ी से उतरे वहा से निकलने में भलाई समझी और बेरंग ही वापस लौट गए।

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