चीन के साथ LAC पर तनातनी के बीच लद्दाख से BJP सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने कहा है कि ड्रैगन ने भारत के कई इलाके अपने कब्जे में ले लिए हैं। देश ढेर सारे चरागाह (ऐसी जमीन, जिस पर घास लगी हो और जो पशुओं के चरने के काम आती हो) खो चुका है,
जहां अब हमारे घुमंतू नागरिक गर्मियों में अपनी-अपनी जमीन पर लौट भी नहीं सकते। ऊपर से इन इलाकों में अब चीन ने सैन्य बल भी तैनात कर दिया है।
India Today TV’ को दिए एक इंटरव्यू के दौरान BJP सांसद ने कहा, “यह केवल पैंगॉन्ग लेक चिशुल क्षेत्र में नहीं हो रहा है, बल्कि चूमुर से लेकर, डेमजू से लेकर, धुमकी समेत कई इलाकों से लेकर पोकरण तक हो रहा है। और, यह बहुत लंबा इलाका है।
हर इलाके में हमारे घुमंतू (नोमैड्स) लोग रहते हैं। सर्दियों में वे नीचे आते हैं, जबकि गर्मियों में बर्फ पिघलने के हिसाब से वे आगे बढ़ते हैं।”
उन्होंने आगे कहा- बहुत सारे इलाके हमारे पास नहीं है। हम पहले ही उन्हें खो चुके हैं, क्योंकि चीन के वहां से घुमंतूओं को आगे भेजा जाता है। फिर चीनी सैनिक उनकी सुरक्षा के लिए आगे बढ़ाया जाता है। भारतीय सेना और आईटीबीपी के लोग कभी भी बॉर्डर पर तनाव नहीं चाहते हैं, जिससे वे हमारे लोगों को आगे बढ़ने से रोकते हैं।
‘PM मोदी के कई चीन दौरे के बावजूद सीमा पर ये हालात हैं’:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन की यात्राओं पर तंज करते हुए कहा कि इसके बावजूद हमे सीमा पर इस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं।
पटेल ने ट्वीट किया, ‘‘जब चीन ने हमारे क्षेत्र पर फिर कब्जा कर लिया है तो चीन की आधिकारिक यात्राओं की सूची का जिक्र करना जरूरी है। 1947 के बाद मोदी जी इकलौते ऐसे नेता हैं जो नौ बार चीन गए। पांच बार प्रधानमंत्री के तौर पर गए और चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर गए।
मनमोहन सिंह ने दो बार, नेहरू जी, राजीव जी, नरसिंह राव जी और वाजपेयी जी ने एक-एक बार चीन का दौरा किया।’’
चरणबद्ध तरीके से हट रही हैं भारत-चीन की सेनाएं- सेना प्रमुख:
थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख के विवाद पर भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता बहुत लाभदायक रही है और दोनों सेनाएं चरणद्ध तरीके से हट रही हैं जिसकी शुरुआत गलवान घाटी से हो रही है।
उनके इस बयान से क्षेत्र से सैनिकों की परस्पर वापसी की पहली आधिकारिक पुष्टि हुई है। थलसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि चीन के साथ लगती देश की सीमा पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों देशों के बीच जारी वार्ता से सीमा के संबंध में समझे जाने वाले सभी मतभेद सुलझ जाएंगे। जनरल नरवणे यहां भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड से इतर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से हट रहे हैं। हमने उत्तर से, गलवान नदी के क्षेत्र से इसकी शुरुआत की है। हमारी बहुत सार्थक बातचीत हुई। और जैसा कि मैंने कहा कि यह जारी रहेगी तथा आगे हालात सुधरेंगे।’