उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में बेटियां किस तरह से असुरक्षित महसूस करती है, कानून व्यवस्था पूरी तरीके से फेल है इनको रोकने में, उत्तर प्रदेश के गंडबा में फिर गैंगरेप का मामला सामने आया है जिसमें 1 महीने तक एफ आई आर दर्ज नहीं हुई पीडिता बार-बार थाने गई लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

लखनऊ राजधानी पुलिस महिला अपराध रोकने के तमाम दावे करती है लेकिन पीड़ितों की एफ आई आर दर्ज करने में आनाकानी से बाज नहीं आती देशभर में तीसरा स्थान पाने वाली गुंडाबा पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता को 1 माह तक पर टरकाया।

पीड़िता ने उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की लेकिन तत्काल सुनवाई नहीं हुई एक माह बाद पुलिस ने दो नामजद और अन्य के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की है पुलिस के मुताबिक दो नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

गुंडबा निवासी 11वीं की छात्रा का आरोप है कि 23 अगस्त को विपिन सिंह ने नौकरी दिलाने के नाम पर उसे अपने घर बुलाया था युवती अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र लेखन आरोपित के घर पहुंचे थे विपिन के घर मैं शकील व तीन चार अन्य युवक पहले से मौजूद थे।

आरोपितों ने युवती से सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाए इसके बाद उसे एक मकान में बंधक बना लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया पीड़िता का आरोप है कि 1 सप्ताह बाद और ऑफिस से छोड़कर भाग निकले परिवार जन के साथ पी ड नेम गढ़ी चौक पर शिकायत की तो दरोगा ने टरका दिया।

इस बीच आरोपी विपिन पीड़िता के घर पहुंचा और उसकी बहनों के साथ अभद्रता वह छेड़छाड़ की। 3 सितंबर को पीड़िता ने गोंडवा थाने में शिकायत की लेकिन वहां भी कोई कार्यवाही नहीं हुई पीड़िता ने डीसीपी उत्तरी, एडीसीपी और एसीपी गाजीपुर समेत महिला आयोग व अन्य अधिकारियों से भी शिकायत की थी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here