अमेरिका में इस साल चुनाव होने वाले हैं और ट्रंप के सामने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन एक बड़ी चुनौती की तौर पर खड़े हैं. अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति बाइडन को इस चुनाव में राष्ट्रपति पद का काफी दमदार उम्मीदवार माना जा रहा है. लेकिन बाइडन ने राष्ट्रपति चुनावों से पहले भारत को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने नागरकिता कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर निराशा जाहिर की है और कश्मीर पर भी भारत को कटघरे में खड़ा किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति पद की रेस में आगे दिख रहे बाइडन ने भारत को लेकर अपनी राय दर्ज की. जो बाइडन की कैंपेन वेबसाइट पर पब्लिश ‘मुस्लिम अमेरिकी समुदाय के लिए एजेंडा’ टाइटल से एक पॉलिसी पेपर में कहा गया है कि,

“भारत को कश्मीर के लोगों के अधिकारों को लौटाने के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है. विरोध को दबाने या इंटरनेट को बंद करने से लोकतंत्र कमजोर होता है.”

इसके अलावा बाइडन के पॉलिसी पेपर के मुताबिक, नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर कहा कि ये भारतीय लोकतंत्र की सालों पुरानी परंपरा और धर्मनिर्पेक्षता के खिलाफ है.

हिंदू-अमेरिकी लोगों ने जताया विरोध

बाइडन के कैंपेन में भारत और उसकी संस्कृति को लेकर कही गई बातों को लेकर हिंदू-अमेरिकी लोगों ने विरोध भी जताया है. उन्होंने कहा कि बाइडन ने अपने कैंपेन में भारत के खिलाफ जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वो गलत है. इस पर उन्हें फिर से सोचना चाहिए. इस ग्रुप ने हिंदू-अमेरिकन्स के लिए भी एक इसी तरह का पॉलिसी पेपर जारी करने की मांग की है. इसे लेकर अब तक बाइडन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.

बाइडन के इस पॉलिसी पेपर में मुस्लिम अमेरिकियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर भी चिंता जताई गई है. इस पेपर में कश्मीर और असम को एक साथ रखते हुए कहा गया है. इसमें कहा गया है कि लाखों वीगर मुस्लिमों को वेस्टर्न चीन में जबरन डिटेंशन कैंप में भेज दिया गया. इसके अलावा इस कैंपेन साइट में म्यामांर के रोहिंग्या मुस्लिमों का जिक्र भी किया गया है.

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