ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भारी पड़ रहे हैं ग्वालियर चंबल अंचल में चल रही सभाओं और रैलियों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है, उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में उद्घाटन शिलान्यास मुख्यमंत्री शिवराज खुद अपने हाथों से कर रहे हैं, संख्या तो बस खड़े साइड रोल में नजर आ रहे हैं, इससे साफ है कि बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया को तवज्जो नहीं मिल रहा है।

मध्य प्रदेश के उपचुनाव करण और पेचीदा होता जा रहा है दोनों राष्ट्रीय पार्टियां अपने प्रचार-प्रसार में जुट गई है एक तरफ जहां बीजेपी सिंधिया को साथ लेकर चुनावी मैदान में उतर गई है वहीं कांग्रेस बीजेपी के उस मोहरे पर निशाना साध रही है।

कांग्रेस के नेताओं का साफ कहना है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ज्योतिरादित्य सिंधिया के कद को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, सिंधिया को अकेले एक भी सभा में नहीं जाने दिया जा रहा है जहां भी जनसभाएं हो रही है शिवराज खुद लीड रोल में नजर आते है।

जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 कांग्रेस विधायकों के साथ इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए, तब से आम जनता के मन में धारणा बैठ गई है कि सिंधिया समर्थक विधायकों ने सौदेबाजी के बीजेपी का दामन थामा है, जिसमें करोड़ों रुपए के लेन-देन के भी आरोप लगे हैं, शायद यही कारण है कि इन सभाओं में सिंधिया को भी कई जगह विरोध का सामना करना पड़ा है।

ऐसी घटनाओं के बीच शिवराज सिंधिया पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं, उधर बीजेपी की विचारधारा जीवन भर निभाने वाले नेता भी सिंधिया और उनके समर्थकों को पचा नहीं पा रहे हैं शिवराज अपना बढ़ाने के लिए सरकारी तंत्र का भरपूर उपयोग कर रहे है, लेकिन कांग्रेस उद्घाटन को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साध रही है।

अब ऐसा लग रहा है कि सिंधिया के आगे शिवराज को बड़ा बताने की का एक अप्रत्यक्ष मुहिम चल रही है, जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी होने वाले अधिकांश विज्ञापनों में ज्योतिराज सिंधिया नदारद है, ऐसे में शिवराज को भी कहीं ना कहीं डर है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद बीजेपी बढ गया तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हाथ धोना पड़ सकता है।

जनता भी इस बात से हैरान हैं कि सिंधिया को अपने ही गढ़ में अकेले जनसंपर्क रैली क्यों नहीं करने दिया जा रहा है, शायद शिवराज सिंह चौहान को यह भी डर है, कि कहीं सिंधिया समर्थक विधायकों के सहारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुख्यमंत्री का कुर्सी ना छीन ले।

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