केंद्र सरकार अब अपने 20 कंपनियों और उनके यूनिट्स में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है इसके साथ ही 6 कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है, इसकी जानकारी वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी, सोमवार को लोकसभा में उन्होंने एक लिखित मैं कहा कि इन कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार स्ट्रैटजिक स्टेक सेल और माइनोरिटी स्टेक डाइल्यूशन के जरिए विनिवेश की नीति पर चल रही है। साथ में नीति आयोग में इन सरकारी कंपनियों के विनिवेश के लिए कुछ शर्तें भी रखी है।
जिन सरकारी कंपनियों को बंद करने का विचार किया जा रहा है उनमें हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बंन लिमिटेड, स्कूटर्स इंडिया, भारत पाइप एंड कंम्प्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड शामिल है।
इसके साथ ही इन सभी कंपनियों की विनिवेश की प्रक्रिया चल रही है और जल्दी इन सभी कंपनियों को निजीकरण कर दिया जाएगा, निजीकरण करने वाली कंपनियों में प्रॉजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिडेट, इंजीनियरिंग प्रॉजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ कंपनी इंडिया लिमिटेड, सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCI) की यूनिट्स, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML), फैरो स्क्रैप निगम लिमिटेड और एनएमडीसी के नागरनार स्टील प्लांट आदि शामिल है।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक, एचपीसीएल, आरईसी, हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी, नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन, ड्रेडगिंग कार्पोरेशन, टीएचडीएस इंडिया लिमिटेड, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और कामराजर बंदरगाह की निजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।