भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक विवादित बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा किसी विदेशी महिला के गर्भ से जन्मा हुआ व्यक्ति राष्ट्रभक्त नहीं हो सकता. यह वही प्रज्ञा सिंह ठाकुर है जो महाराष्ट्र के मालेगांव बम ब्लास्ट के आरोपी है मालेगांव बम ब्लास्ट उस धमाके में 7 बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे यह धमाका रमजान के माह में उस वक्त किया गया था जब मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे. क्या ब्लास्ट करना देशभक्ति थी ?

मालेगाव के बम ब्लास्ट आरोपी और मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना रविवार को कहा कि ‘‘एक विदेशी महिला से पैदा हुआ व्यक्ति राष्ट्रवादी नहीं हो सकता है।”
ठाकुर ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक कार्यक्रम के बाद भारत-चीन के बीच तनाव के संदर्भ में कांग्रेस के आरोपों के बारे में एक सवाल पर पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस को तो अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। उनमें न तो बोलने की सभ्यता है, न ही पार्टी में संस्कार हैं, न ही उनकी पार्टी में देशभक्ति है। मैं एक बात कहूंगी कि देशभक्ति आएगी कहां से, जब दो देशों की सदस्यता लेकर रहेंगे।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश सुरक्षित हाथों में है।
क्या है मालेगांव बम ब्लास्ट
महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 को खौफनाक बम ब्लास्ट हुआ था. उस धमाके में 7 बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. ये धमाका रमजान के माह में उस वक्त किया गया था, जब मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे. इस धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने की बात सामने आई थी. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, स्वामी असीमानंद और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुख्य आरोपी बनाया गया था. एनआईए की विशेष अदालत ने पिछले जून 2016 में आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
मालेगांव ब्लास्ट में कब-क्या हुआ?
- 29 सितंबर, 2008 में मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. इसमें कुल 7 लोग मारे गए, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे.
- इस केस में एटीएस की जांच में ‘अभिनव भारत’ संस्था का नाम सामने आया था.
- 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था.
- जुलाई, 2009 में स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका लगा दिया था.
- जुलाई 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका जारी रखा था.
- 15 अप्रैल, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर मकोका को हटा दिया.
- 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी है.
- 18 अप्रैल, 2019 को प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया. बीजेपी ने प्रज्ञा को भोपाल से लोकसभा प्रत्याशी बना दिया.
वहीं, कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रभारी और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी प्रज्ञा ठाकुर का नाम लिए बिना उन पर तंज करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कोई भी देशभक्त आतंकवादी नहीं हो सकता है। कोई भी गोडसे भक्त देशभक्त नहीं हो सकता है। जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी….।”पटवारी अप्रत्यक्ष तौर पर 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव बम विस्फोट मामले के आरोपियों में से एक प्रज्ञा ठाकुर का उल्लेख कर रहे थे।
कोई भी देश भक्त आतंकवादी नहीं हो सकता है !
कोई गोडसे भक्त देश भक्त नही हो सकता है !
जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी…