राजस्‍थान में आए सियासी तूफान से सीएम अशोक गहलोत की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है. इस बीच, कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि 102 विधायकों ने सीएम गहलोत के समर्थन में पत्र सौंपा है. सूत्र ने यह भी बताया कि डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई की फिलहाल कोई योजना नहीं बनाई गई है, क्‍योंकि उन्‍होंने अभी तक पार्टी के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है.

सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सियासी मनमुटाव के बीच मुख्‍यमंत्री के समर्थकों ने जयपुर स्थित कांग्रेस कार्यालय से सचिन पायलट के पोस्‍टर हटा दिए हैं. जानकारी के अनुसार, राजस्‍थान में सियासी तूफान के बीच कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए सचिन पायलट नहीं पहुंचे. इससे ठीक पहले सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई थी कि पर्यटन मंत्री विश्‍वेंद्र सिंह ने बैठक में शामिल नहीं होंगे.

बताया जाता है कि उन्‍होंने पार्टी को इस बाबत सूचना देते हुए बताया है कि वह व्‍यक्तिगत वजहों के चलते बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. वहीं, खबर है कि निर्दलीय विधायकों के आवास पर राजस्‍थान पुलिस के जवान तैनात किए जा रहे हैं. दूसरी तरफ, सचिन पायलट के बगावती तेवर के बाद राजस्‍थान कांग्रेस ने भी सख्‍त रुख अपना लिया है. बताया जा रहा है कि पार्टी उन्‍हें बाहर का रास्‍ता भी दिखा सकती है. वहीं, मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता ने राजस्‍थान के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर टिप्‍पणी की है. उन्‍होंने ट्वीट कर कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और सभी को एकजुट होकर इसे बचाना चाहिए.

बता दें कि राजस्‍थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बगावती तेवरों के बीच सोमवार सुबह होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए व्हिप (Whip) जारी किया गया है. अब सभी कांग्रेस विधायकों को विधायक दल की बैठक में मौजूद रहने की बाध्यता हो गई है. जो भी विधायक व्हिप जारी होने के बावजूद बैठक में नहीं पहुंचेंगे, उनकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी. पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर विधायकी जाने का प्रावधान है. सुबह 10.30  बजे विधायक दल की बैठक (Legislature party meeting) के लिए व्हिप जारी किया गया है. वहीं, सूत्रों से एक बड़ी जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट सोमवार को ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.

राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे (Avinash Pandey) ने कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी द्वारा सरकार गिराने के षड्यंत्र का पर्दाफाश किया था. उसके बाद सोनिया गांधी ने हमें शाम तक 109 विधायकों ने सहमति पत्र पर दस्तखत कराने को कहा. पांडे ने कहा कि अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को विश्वास व्यक्त किया है. अविनाश पांडे की मानें तो  कुछ अन्य विधायकों ने भी समर्थन दिया है. 13 जुलाई को सुबह 10.30 बजे विधायक दल की बैठक के लिए व्हिप जारी किया गया है. उन्‍होंने बताया कि जो विधायक इस बैठक में नहीं आएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बीजेपी पर लगाया षड्यंत्र रचने का आरोप
अविनाश पांडे ने कहा कि बीजेपी के षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. कांग्रेस के सब विधायक एकजुट हैं. बीजेपी की मुहिम सफल नहीं होगी. बीजेपी हर राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकारों को अस्थिर कर रही है. बीजेपी राजस्थान में भी कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह की घटनाएं दोहराना चाहती है, लेकिन इसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. वहीं, कहा जा रहा है कि व्हिप के जरिए सचिन पायलट और समर्थक विधायकों को दबाव में लेने की कवायद तेज कर दी गई है. विधायक दल की बैठक के लिए व्हिप जारी करने को काफी आम माना जा रहा है. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों पर इसे दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.

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